CBSE बोर्ड के परीक्षा पैटर्न में हुआ बड़ा बदलाव! लागू हुआ ये नया नियम! जल्दी देखे
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा विभाग अब बोर्ड परीक्षा सुधार, ड्रॉपआउट छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने समेत कई मिशन पर काम कर रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ शिक्षा नीति, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ), ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानी अपार (APAAR ID), साल में दो बार बोर्ड परीक्षा और अन्य मुद्दों को लेकर अहम बैठक की है।
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स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार का कहना है कि सीबीएसई स्कूलों के करीब 10 हजार प्रिंसिपलों के साथ ऑफलाइन और वर्चुअल बैठकें हो चुकी हैं। उनसे साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। स्कूल प्रिंसिपलों से कहा गया है कि वे अपने सुझाव और राय लिखित रूप में दें ताकि उनके सार्थक सुझावों का अध्ययन भी किया जा सके। बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े फैसले में उनकी राय को भी अहमियत दी जाएगी। सीबीएसई भी अपने स्तर पर काम कर रहा है
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार कब होंगी? बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों और शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) भी विस्तृत योजना पर काम कर रहा है। इसी कड़ी में स्कूल विभाग के सचिव संजय कुमार ने सीबीएसई अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ बैठक की।
बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार कब आयोजित की जा सकती हैं? इस पर स्कूल प्रिंसिपल भी अपनी राय देंगे। हाल ही में यूजीसी ने साल में दो बार एडमिशन के नियम को मंजूरी दी है। छात्रों का तनाव कम करने के लिए छात्रों को ज्यादा से ज्यादा विकल्प देने को प्राथमिकता दी जा रही है।
एमएम पब्लिक स्कूल पीतमपुरा की प्रिंसिपल रूमा पाठक ने बताया कि इस बैठक में शिक्षा नीति और एनसीएफ से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा सचिव ने स्कूलों से छात्रों के लिए एपीएएआर आईडी बनाने की अपील की है, ताकि भविष्य में उन्हें इसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही सरकारी और निजी स्कूल एक-दूसरे से बेस्ट प्रैक्टिस सीख सकते हैं। स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबों पर फोकस करना चाहिए। प्रिंसिपल का कहना है कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का फैसला छात्रों के लिए काफी फायदेमंद होगा और वे दोनों परीक्षाओं में से सर्वश्रेष्ठ अंक चुन सकेंगे।
शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर काम कर रहे हैं। उनके सामने असली चुनौती यह है कि दोनों परीक्षाओं के लिए विंडो क्या होगी? फिलहाल बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होकर मार्च के आखिर या अप्रैल की शुरुआत तक चलती हैं और उसके बाद मई-जून में नतीजे घोषित किए जाते हैं। इंजीनियरिंग परीक्षाएं भी दो बार होती हैं, फिलहाल मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं एक बार होती हैं।
ऐसे में पहली और दूसरी बोर्ड परीक्षा का समय काफी अहम होगा। सूत्रों के मुताबिक सेमेस्टर सिस्टम की संभावना नहीं है। छात्रों के लिए दोनों बोर्ड परीक्षाएं देना अनिवार्य नहीं होगा। यह उन पर निर्भर करेगा कि वे एक परीक्षा देते हैं या दोनों में शामिल होते हैं। परीक्षा सुधारों में बोर्ड परीक्षा पैटर्न में कई प्रश्नों की संख्या और परीक्षा प्रक्रिया का सरलीकरण भी शामिल है।